नई दिल्ली/वॉशिंगटन: अमेरिका जाने का सपना देख रहे या अपनी नौकरी बचाने के लिए वीजा रिन्यूअल का इंतजार कर रहे हजारों भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स के लिए बीता हफ्ता किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। अमेरिका ने भारत में हजारों H-1B और H-4 वीजा इंटरव्यू अपॉइंटमेंट्स को अचानक टाल (defer) दिया है। जो इंटरव्यू दिसंबर 2025 में होने वाले थे, उन्हें अब सीधे मार्च 2026 तक के लिए रीशेड्यूल कर दिया गया है।
"मेरा करियर खत्म हो गया..."
सबसे ज्यादा परेशान वो लोग हैं जो अपनी छुट्टियां लेकर भारत आए थे ताकि अपना वीजा स्टैम्प करवा सकें और वापस अमेरिका जाकर अपनी नौकरी जॉइन कर सकें।
एक आवेदक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Reddit पर अपना दर्द साझा करते हुए लिखा, "'End of my career' (मेरा करियर खत्म)। मैं भारत में फंस गया हूं। मेरे बायोमेट्रिक्स इस हफ्ते होने वाले थे। मैं अपनी सारी छुट्टियां लेकर स्टैम्पिंग के लिए आया था। मेरा एम्प्लॉयर (कंपनी) मुझे इतने लंबे समय तक भारत से रिमोट वर्क करने की अनुमति नहीं देगा।"
यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं है। हजारों प्रोफेशनल्स अब इस डर में जी रहे हैं कि अगर वे समय पर अमेरिका नहीं लौट पाए, तो उनकी नौकरियां चली जाएंगी। H-1B वीजा के नियमों के अनुसार, अमेरिका में फिजिकल उपस्थिति अक्सर जरूरी होती है, और 3-4 महीने की देरी कई कंपनियों के लिए बर्दाश्त से बाहर हो सकती है।
"बायोमेट्रिक्स हो गया, अब क्या करें?"
वीजा प्रक्रिया में बायोमेट्रिक्स (उंगलियों के निशान और फोटो) एक अहम चरण है। कई आवेदकों का बायोमेट्रिक्स पूरा हो चुका था और वे अपने इंटरव्यू का इंतजार कर रहे थे, तभी उन्हें अपॉइंटमेंट कैंसिल होने का ईमेल मिला।
एक अन्य यूजर ने लिखा, "'Biometrics done, what to do now?' (बायोमेट्रिक्स हो गया, अब क्या करें?) मेरा इंटरव्यू चेन्नई कॉन्सुलेट में 18 दिसंबर को था, लेकिन बायोमेट्रिक्स पूरा करते ही मुझे पता चला कि मेरा इंटरव्यू कैंसिल हो गया है। यह हम सबके लिए एक नई और अनजान मुसीबत है।"
विशेषज्ञों का कहना है कि बायोमेट्रिक्स हो जाने का मतलब यह नहीं है कि वीजा मिल जाएगा। मुख्य इंटरव्यू के बिना वीजा स्टैम्प नहीं लगता, और अब उस इंटरव्यू के लिए मार्च 2026 तक का इंतजार करना पड़ सकता है।
क्यों हो रही है यह देरी?
इस भारी उथल-पुथल की मुख्य वजह अमेरिका की 'सोशल मीडिया वेटिंग' (Social Media Vetting) की नई नीति मानी जा रही है।
- नया नियम: 15 दिसंबर 2025 से, सभी H-1B और H-4 आवेदकों के लिए अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है।
- जांच का दायरा: अमेरिकी अधिकारी अब आवेदकों के पिछले 5 सालों के सोशल मीडिया इतिहास (Facebook, Instagram, X, आदि) की जांच करेंगे।
- समय की कमी: इस गहन जांच प्रक्रिया के कारण हर एक आवेदन को प्रोसेस करने में ज्यादा समय लगेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसी वजह से अमेरिकी दूतावास ने रोजाना होने वाले इंटरव्यू की संख्या कम कर दी है ताकि वे नए नियमों के हिसाब से जांच कर सकें।
अमेरिकी दूतावास की चेतावनी
भारत में अमेरिकी दूतावास (US Embassy in India) ने इस स्थिति पर एक एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों को अपॉइंटमेंट रीशेड्यूल होने का ईमेल मिला है, वे अपनी पुरानी तारीख पर दूतावास न जाएं।
दूतावास ने कहा, "अगर आपको ईमेल मिला है कि आपका अपॉइंटमेंट रीशेड्यूल हो गया है, तो कृपया नई तारीख पर ही आएं। पुरानी तारीख पर आने वाले आवेदकों को कॉन्सुलेट में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।"
आगे की राह मुश्किल
फिलहाल, H-1B धारकों के पास इंतजार करने के अलावा कोई खास विकल्प नहीं बचा है। इमिग्रेशन वकीलों का कहना है कि यह एक "अभूतपूर्व" स्थिति है। मार्च 2026 तक का बैकलॉग न केवल प्रोफेशनल्स की मानसिक शांति भंग कर रहा है, बल्कि भारत-अमेरिका के बीच टैलेंट फ्लो पर भी गहरा असर डाल सकता है।
जो लोग भारत में फंसे हैं, वे अब अपनी कंपनियों से बात कर रहे हैं कि क्या उन्हें लंबी अवधि के लिए 'वर्क फ्रॉम होम' मिल सकता है या नहीं। लेकिन अनिश्चितता के बादल अभी भी गहरे हैं।
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