पेरिस: फ्रांस की प्रथम महिला (First Lady) Brigitte Macron एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। हाल ही में एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह नारीवादी प्रदर्शनकारियों (Feminist Protesters) के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करती नजर आ रही हैं। इस घटना ने फ्रांस में एक नई बहस छेड़ दी है और सोशल मीडिया पर #NousToutes (हम सब) जैसे कैंपेन शुरू हो गए हैं।
क्या है पूरा मामला? (The Incident)
यह घटना पेरिस के Folies Bergère थिएटर की है। यहां फ्रांसीसी कॉमेडियन Ary Abittan का शो होने वाला था। गौरतलब है कि Ary Abittan पर 2021 में बलात्कार का आरोप लगा था, हालांकि 2023 में सबूतों के अभाव में केस बंद कर दिया गया था। इसके बावजूद, नारीवादी संगठन उनके शो का विरोध कर रहे थे।
शो से ठीक पहले, Brigitte Macron बैकस्टेज (पर्दे के पीछे) कलाकार Ary Abittan से मिलने पहुंचीं। वीडियो में दिखता है कि Ary Abittan घबराए हुए थे और कह रहे थे कि उन्हें "डर लग रहा है"।
इसी दौरान, उन्हें दिलासा देते हुए Brigitte Macron ने प्रदर्शनकारियों के लिए एक फ्रांसीसी गाली "Sales Connes" (जिसका अंग्रेजी अनुवाद "Dirty/Stupid Bitches" किया जा रहा है) का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, "अगर वहां कोई ऐसी 'बेवकूफ औरतें' (Sales Connes) हैं, तो हम उन्हें बाहर निकाल फेंकेंगे।"
"हम सब Stupid B**ches हैं" (The Backlash)
जैसे ही यह वीडियो लीक हुआ, फ्रांस के नारीवादी समूहों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
- #NousToutes: फ्रांस के प्रमुख नारीवादी संगठन ने सोशल मीडिया पर लिखा, "अगर बलात्कार के आरोपी का विरोध करना 'बेवकूफी' है, तो हम सब बेवकूफ हैं।"
- Judith Godrèche: मशहूर फ्रांसीसी अभिनेत्री, जो #MeToo मूवमेंट का चेहरा रही हैं, उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "मैं भी एक 'Stupid Bitch' हूं।"
विपक्षी राजनेताओं ने भी इस भाषा को "अश्लील" और "प्रथम महिला के पद के लिए अशोभनीय" बताया है। पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इसे "वल्गर" (vulgar) करार दिया।
Brigitte Macron की सफाई (Official Response)
विवाद बढ़ता देख Brigitte Macron के कार्यालय ने सफाई जारी की है। उनके प्रवक्ता ने कहा:
"यह टिप्पणी किसी मकसद या आंदोलन के खिलाफ नहीं थी। Brigitte Macron केवल एक घबराए हुए कलाकार को शांत करने की कोशिश कर रही थीं। वह प्रदर्शनकारियों के 'कट्टरपंथी तरीकों' (Radical Methods) के खिलाफ हैं, न कि नारीवाद के।"
निष्कर्ष: अभिव्यक्ति की आजादी बनाम मर्यादा
यह घटना फ्रांस में चल रहे "Cancel Culture" और "Separatism" (कला और कलाकार को अलग देखने) की बहस को और हवा दे रही है। जहां एक तरफ समर्थक इसे 'निजी बातचीत' बता रहे हैं, वहीं आलोचक इसे पीड़ितों (Victims) का अपमान मान रहे हैं। अब देखना यह है कि क्या Brigitte Macron इस पर सार्वजनिक माफी मांगती हैं या नहीं।
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