PM Modi 3-Nation Tour: जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की यात्रा – क्या है भारत का 'Big Plan'?
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर महत्वपूर्ण कूटनीतिक दौरे (Diplomatic Tour) पर निकल रहे हैं। खबरों के मुताबिक, पीएम मोदी जल्द ही जॉर्डन (Jordan), इथियोपिया (Ethiopia) और ओमान (Oman) की यात्रा करेंगे।
यह दौरा सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात नहीं है, बल्कि इसके पीछे भारत की गहरी रणनीतिक (Strategic) और आर्थिक (Economic) सोच छिपी है। चाहे मिडिल ईस्ट में शांति की बात हो या अफ्रीका में भारत की पकड़ मजबूत करनी हो, यह यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक होने वाली है।
आइए जानते हैं कि इन तीन देशों में पीएम मोदी का फोकस किन मुद्दों पर रहेगा।
1. जॉर्डन (Jordan): मिडिल ईस्ट शांति और निवेश
पीएम मोदी की यात्रा का एक अहम पड़ाव जॉर्डन होगा।
मिडिल ईस्ट शांति: इजराइल-हमास संघर्ष के बीच जॉर्डन की भूमिका बेहद अहम है। पीएम मोदी वहां के किंग अब्दुल्ला II से मुलाकात कर क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा पर चर्चा कर सकते हैं।
व्यापार और निवेश: भारत और जॉर्डन के बीच फर्टिलाइजर (उर्वरक) और टेक्सटाइल सेक्टर में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। जॉर्डन भारत के लिए रॉक फॉस्फेट का एक बड़ा स्रोत है, जो हमारी खेती के लिए जरूरी है।
2. इथियोपिया (Ethiopia): अफ्रीका में बढ़ती ताकत
इथियोपिया की यात्रा भारत की 'ग्लोबल साउथ' (Global South) की लीडरशिप को और मजबूत करेगी।
BRICS पार्टनर: इथियोपिया हाल ही में BRICS का सदस्य बना है। पीएम मोदी की यात्रा से दोनों देशों के बीच नए आर्थिक समझौते हो सकते हैं।
विकास और सहयोग: भारत इथियोपिया में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (UPI आदि) और हेल्थकेयर सेक्टर में मदद का प्रस्ताव दे सकता है। अफ्रीका में चीन के प्रभाव को बैलेंस करने के लिए यह यात्रा महत्वपूर्ण है।
3. ओमान (Oman): समंदर में सुरक्षा और ऊर्जा
ओमान भारत का खाड़ी क्षेत्र (Gulf Region) में सबसे पुराने और भरोसेमंद दोस्तों में से एक है।
मैरिटाइम सिक्योरिटी (Maritime Security): ओमान के साथ भारत के रक्षा संबंध बहुत मजबूत हैं। दुुकम पोर्ट (Duqm Port) तक भारतीय नौसेना की पहुंच और हिंद महासागर में सुरक्षा बढ़ाने पर बात होगी।
ऊर्जा और प्रवासी: ओमान में बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय रहता है। इसके अलावा, एनर्जी सिक्योरिटी और ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) पर बड़े समझौते होने की उम्मीद है।
भारत के लिए क्यों जरूरी है यह दौरा? (Significance)
रणनीतिक संतुलन: ओमान और जॉर्डन के जरिए भारत पश्चिम एशिया (West Asia) में अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहता है।
अफ्रीका आउटरीच: इथियोपिया के जरिए भारत पूरे अफ्रीकी महाद्वीप को यह संदेश देना चाहता है कि भारत उनका सच्चा विकास भागीदार है।
ट्रेड रूट: लाल सागर (Red Sea) के आसपास हो रही हलचल के बीच इन देशों के साथ अच्छे रिश्ते भारत के व्यापारिक रास्तों को सुरक्षित रखने में मदद करेंगे।
Conclusion
पीएम मोदी की यह तीन देशों की यात्रा भारत की विदेश नीति का एक 'मास्टरस्ट्रोक' साबित हो सकती है। जॉर्डन की डिप्लोमेसी, इथियोपिया की दोस्ती और ओमान की रणनीति—ये तीनों मिलकर भारत को ग्लोबल स्टेज पर और मजबूत बनाएंगे। अब दुनिया की नजरें इस दौरे से होने वाले समझौतों पर टिकी हैं।
FAQ (Frequently Asked Questions)
Q1: पीएम मोदी किन तीन देशों की यात्रा पर जा रहे हैं? Ans: पीएम मोदी जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की यात्रा करेंगे।
Q2: इथियोपिया जाना क्यों महत्वपूर्ण है? Ans: इथियोपिया अफ्रीका का एक बड़ा देश है और हाल ही में BRICS में शामिल हुआ है। भारत वहां अपनी विकास परियोजनाओं और डिजिटल पार्टनरशिप को बढ़ाना चाहता है।
Q3: भारत और ओमान के रिश्ते कैसे हैं? Ans: भारत और ओमान के बीच गहरे रणनीतिक संबंध हैं। ओमान भारत को अपने बंदरगाहों (Ports) तक पहुंच देता है, जो हिंद महासागर की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
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