भारतीय राजनीति में आज एक बार फिर इतिहास और राष्ट्रवाद को लेकर घमासान मच गया है। लोकसभा (Lok Sabha) में 'वंदे मातरम्' (Vande Mataram) के 150 साल पूरे होने पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है।
PM Modi ने सीधा आरोप लगाया कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण (Appeasement) की राजनीति के चलते हमारे राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम्' के टुकड़े (Partition) किए थे। आइए जानते हैं क्या है यह पूरा मामला और क्यों पीएम मोदी ने नेहरू और जिन्ना का जिक्र किया।
1. PM Modi ने संसद में क्या कहा? (What PM Modi Said)
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि "वंदे मातरम् के साथ इतिहास में बड़ा विश्वासघात (Betrayal) हुआ है।" उन्होंने कहा कि 1937 में कांग्रेस ने मुस्लिम लीग (Muslim League) के दबाव में आकर इस गीत को स्वीकार करने से मना कर दिया था और इसके टुकड़े कर दिए थे।
PM Modi के भाषण की मुख्य बातें:
- "Congress compromised on Vande Mataram": पीएम ने कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने घुटने टेक दिए थे।
- "Nehru-Jinnah Angle": मोदी ने दावा किया कि जवाहरलाल नेहरू ने उस समय सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) को चिट्ठी लिखी थी कि 'वंदे मातरम्' मुसलमानों को परेशान (Irritate) कर सकता है, क्योंकि जिन्ना इसका विरोध कर रहे थे।
- Partition Link: पीएम ने कहा, "पहले उन्होंने वंदे मातरम् के टुकड़े किए, बाद में उन्होंने भारत के टुकड़े (Partition of India) स्वीकार कर लिए।"
2. क्या है 'वंदे मातरम्' के टुकड़े करने का सच? (Historical Context)
बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि आखिर "गीत के टुकड़े" करने का क्या मतलब है?
Darasal (दरअसल), 1870 के दशक में बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा लिखा गया 'वंदे मातरम्' आनंदमठ उपन्यास का हिस्सा था।
- 1937 का विवाद: जब आजादी की लड़ाई चल रही थी, तब मुस्लिम लीग ने इस गीत की कुछ पंक्तियों पर आपत्ति जताई थी (यह कहते हुए कि इसमें मूर्ति पूजा का भाव है)।
- Congress Decision: उस समय कांग्रेस ने एक बीच का रास्ता निकाला। उन्होंने तय किया कि 'वंदे मातरम्' के सिर्फ पहले दो छंद (First two stanzas) को ही राष्ट्रगीत (National Song) माना जाएगा, और बाकी हिस्सों को छोड़ दिया गया।
- इसी फैसले को पीएम मोदी ने आज "वंदे मातरम् के टुकड़े" करना कहा है।
3. Congress का पलटवार (Opposition's Reaction)
PM Modi के इस बयान पर कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस सांसदों ने कहा कि पीएम मोदी इतिहास को तोड़-मरोड़ कर (Distorting History) पेश कर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि उस समय यह फैसला रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) और अन्य बड़े नेताओं की सलाह पर लिया गया था ताकि देश में सांप्रदायिक एकता बनी रहे।
4. Why This Matters Now? (यह अभी क्यों जरूरी है?)
यह विवाद सिर्फ इतिहास का नहीं है, बल्कि Current Politics का भी है।
- Nationalism Narrative: बीजेपी यह साबित करना चाहती है कि कांग्रेस शुरू से ही 'तुष्टिकरण' (Appeasement) की राजनीति करती आई है।
- 150 Years Celebration: सरकार 'वंदे मातरम्' के 150 साल पूरे होने को एक बड़े उत्सव के रूप में मना रही है, जिससे युवाओं में राष्ट्रवाद की भावना जगे।
Frequently Asked Questions (FAQs) -
Q1: वंदे मातरम् किसने लिखा था?
Ans: वंदे मातरम् की रचना Bankim Chandra Chatterjee ने 1870 के दशक में की थी।
Q2: वंदे मातरम् और जन गण मन में क्या अंतर है?
Ans: 'जन गण मन' हमारा राष्ट्रगान (National Anthem) है, जबकि 'वंदे मातरम्' हमारा राष्ट्रगीत (National Song) है। दोनों का दर्जा समान है।
Q3: PM Modi ने नेहरू के बारे में क्या कहा?
Ans: पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू ने जिन्ना की मांग को मानते हुए वंदे मातरम् को सीमित कर दिया था, जिसे उन्होंने 'विश्वासघात' बताया।
Conclusion (निष्कर्ष)
आज संसद में हुई यह बहस बताती है कि भारत की राजनीति में इतिहास के पन्ने बार-बार खुलते रहेंगे। PM Modi के बयान ने साफ कर दिया है कि Vande Mataram सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति का एक सुलगता हुआ मुद्दा है।
अब देखना यह है कि कांग्रेस इस 'इतिहास के वार' का जवाब कैसे देती है।
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