Hot Posts

Saturday, December 6, 2025

Special Report: क्या संभल की जामा मस्जिद बनेगी 'दूसरी बाबरी'? 6 दिसंबर को यूपी में हाई अलर्ट, जानें पूरा सच

 Date: 6 December 2025


Topic: National News / Sambhal Dispute

आज की तारीख—6 दिसंबर—भारत के इतिहास में एक संवेदनशील दिन मानी जाती है। 1992 में इसी दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया था। लेकिन साल 2025 में, देश की निगाहें अयोध्या पर नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के संभल (Sambhal) जिले पर टिकी हैं।

संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर चल रहा विवाद अब सड़कों से निकलकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया है। सोशल मीडिया पर इसे "दूसरी बाबरी" कहा जा रहा है। आखिर क्या है यह पूरा मामला और क्यों मचा है इतना बवाल? आइए आसान भाषा में समझते हैं।

1. विवाद की जड़: मस्जिद या हरिहर मंदिर?

इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब हिंदू पक्ष ने अदालत में एक याचिका दायर की।

हिंदू पक्ष का दावा: उनका कहना है कि जिस जगह पर अभी शाही जामा मस्जिद खड़ी है, वहां पहले भगवान विष्णु का 'हरिहर मंदिर' हुआ करता था। दावा है कि 1526 में बाबर के आदेश पर मंदिर को तोड़कर यह मस्जिद बनाई गई।

मुस्लिम पक्ष की दलील: मस्जिद कमेटी का कहना है कि यह एक ऐतिहासिक मस्जिद है और इस पर 'Places of Worship Act 1991' लागू होता है। इस कानून के मुताबिक, 15 अगस्त 1947 को जो धार्मिक स्थल जिस स्थिति में था, उसे बदला नहीं जा सकता।

2. सर्वे और बवाल (The Survey & Tension)

मामला तब गरमाया जब निचली अदालत ने मस्जिद के सर्वे (Survey) का आदेश दिया। जैसे ही सर्वे टीम मस्जिद में दाखिल हुई, शहर में तनाव का माहौल बन गया।

कई जगहों पर पत्थरबाजी और हिंसा की खबरें भी आईं।

प्रशासन को इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पड़ीं और धारा 144 लगानी पड़ी।

फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शांति बनाए रखने का आदेश दिया है और किसी भी नए एक्शन पर रोक लगा दी है।

3. आज 6 दिसंबर को क्यों है 'हाई अलर्ट'?

आज का दिन प्रशासन के लिए दोहरी चुनौती है।

बाबरी की बरसी: 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस की बरसी है, जिसे लेकर हर साल संवेदनशीलता रहती है।

जुमे की नमाज: इत्तेफाक से आज शुक्रवार (जुम्मा) भी है। संभल विवाद के बीच जुमे की नमाज में भीड़ जमा होने की संभावना को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा का कड़ा पहरा बैठाया है।

सुरक्षा इंतज़ाम:

संभल, अयोध्या और मथुरा में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है।

ड्रोन कैमरों से छतों की निगरानी की जा रही है ताकि कोई पत्थर जमा न कर सके।

सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों पर तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।

4. आगे क्या होगा? (What Next?)

अब सबकी निगाहें अदालत पर टिकी हैं। क्या वाराणसी के ज्ञानवापी की तरह यहाँ भी ASI सर्वे होगा? या फिर 1991 का कानून इस मामले को यहीं रोक देगा? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

लेकिन एक बात साफ़ है—आम जनता, चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान, सिर्फ शांति और रोजगार चाहती है। दंगों से किसी का भला नहीं होता।

निष्कर्ष (Conclusion)

संभल का मामला अब सिर्फ़ एक शहर का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बन गया है। हमारी आपसे अपील है कि सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें। कानून अपना काम कर रहा है।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Your Ad Spot

Pages

SoraTemplates

Best Free and Premium Blogger Templates Provider.

Buy This Template