California H-1B Row: "क्या सीटी बजाने के लिए भी अमेरिकी नहीं बचे?" – 300 विदेशी टीचरों की भर्ती पर क्यों मचा बवाल?
California/Washington: अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्कूलों द्वारा H-1B वीज़ा पर विदेशी शिक्षकों (Foreign Teachers) को नौकरी देने के फैसले ने एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। मामला तब गरमाया जब यह सामने आया कि स्कूल न केवल गणित या विज्ञान के लिए, बल्कि Physical Education (PE) जैसे विषयों के लिए भी विदेशियों को हायर कर रहे हैं।
आलोचकों और 'MAGA' (Make America Great Again) समर्थकों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया पर एक लाइन खूब वायरल हो रही है—"Not a single American who can blow a whistle..." (क्या एक भी अमेरिकी नहीं बचा जो सीटी बजा सके?)।
1. क्या है पूरा विवाद? (What is the Controversy?)
कैलिफोर्निया के कई स्कूल डिस्ट्रिक्ट्स (जैसे West Contra Costa Unified) भारी टीचर शॉर्टेज से जूझ रहे हैं। स्थानीय शिक्षक न मिलने के कारण, उन्होंने H-1B Visa प्रोग्राम का सहारा लिया है।
- आंकड़े: 2023-24 में कैलिफोर्निया के स्कूलों ने 300 से ज्यादा H-1B वीज़ा अर्जियां दाखिल कीं।
- गुस्सा क्यों? विवाद तब बढ़ा जब लोगों को पता चला कि इनमें से कुछ भर्तियां PE (Physical Education) स्टाफ के लिए भी की गई हैं। आलोचकों का कहना है कि H-1B वीज़ा "अत्यधिक कुशल" (Highly Skilled) कार्यों के लिए होता है, लेकिन पीटी टीचर जैसी नौकरी के लिए विदेशियों को बुलाना अमेरिकी नागरिकों का हक मारने जैसा है।
2. आलोचकों का तर्क: "अमेरिकियों की जगह विदेशियों को क्यों?"
फ्लोरिडा के गवर्नर Ron DeSantis और अन्य रिपब्लिकन नेताओं ने इस ट्रेंड की कड़ी आलोचना की है।
- उनका कहना है कि यह H-1B प्रोग्राम का दुरुपयोग है। जो नौकरियां (जैसे खेल शिक्षक) आसानी से अमेरिकी नागरिक कर सकते हैं, उन्हें कम वेतन पर विदेशियों को दिया जा रहा है।
- वायरल कमेंट "Not a single American who can blow a whistle" इसी गुस्से को दर्शाता है कि क्या अमेरिका में अब ऐसे लोग भी नहीं बचे जो पीटी क्लास में सीटी बजा सकें?
3. स्कूलों की मजबूरी (Schools' Defense)
दूसरी तरफ, स्कूल प्रशासन का कहना है कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है।
- वेतन और महंगाई: कैलिफोर्निया में रहने का खर्च (Cost of Living) इतना ज्यादा है और शिक्षकों की सैलरी इतनी कम, कि स्थानीय अमेरिकी ये नौकरियां छोड़ रहे हैं।
- स्पेशल नीड्स: ज्यादतर विदेशी टीचर्स को Special Education और Bilingual (द्विभाषी) प्रोग्राम्स के लिए हायर किया गया है, जहाँ योग्य उम्मीदवार मिल ही नहीं रहे हैं।
4. ट्रंप की नई पॉलिसी ने बढ़ाई मुसीबत ($100k Visa Fee)
इस आग में घी डालने का काम ट्रंप प्रशासन के एक नए नियम ने किया है।
- नई पॉलिसी के तहत, अब H-1B वीज़ा स्पॉन्सर करने के लिए एम्प्लॉयर्स को $100,000 (करीब 84 लाख रुपये) की अतिरिक्त फीस देनी होगी।
- स्कूल डिस्ट्रिक्ट्स का कहना है कि वे इतना पैसा नहीं दे सकते। इसका मतलब है कि जो विदेशी टीचर अभी पढ़ा रहे हैं (जैसे मैक्सिको या फिलीपींस से आए टीचर्स), उन्हें अपना वीज़ा खत्म होने पर देश छोड़ना पड़ सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
यह विवाद अब "अमेरिका फर्स्ट" बनाम "व्यावहारिक जरूरत" की लड़ाई बन गया है। एक तरफ आलोचक हैं जो इसे स्थानीय नौकरियों पर हमला मानते हैं, और दूसरी तरफ स्कूल हैं जो खाली क्लासरूम्स को भरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब देखना होगा कि $100,000 की नई फीस के बाद ये स्कूल कैसे चलते हैं।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: H-1B वीज़ा क्या है?
Ans: यह एक अमेरिकी वीज़ा है जो कंपनियों को "विशेषज्ञता वाले व्यवसायों" (Specialty Occupations) में विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है।
Q2: लोग PE टीचर्स की भर्ती का विरोध क्यों कर रहे हैं?
Ans: आलोचकों का मानना है कि पीटी टीचर (PE Staff) का काम 'अत्यधिक तकनीकी' नहीं है और इसके लिए विदेशियों को बुलाना H-1B नियमों की भावना के खिलाफ है।
Q3: ट्रंप की नई $100,000 फीस क्या है?
Ans: रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रम्प प्रशासन ने H-1B वीज़ा स्पॉन्सरशिप के लिए $100,000 की भारी फीस लगाने का प्रस्ताव रखा है, जिससे स्कूलों और छोटी कंपनियों के लिए विदेशी स्टाफ रखना मुश्किल हो जाएगा।
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